एशिया की प्रथम महिला ट्रक ड्राइवर के रूप में विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा कर मंदसौर के गौरवशाली इतिहास में अपनी अविस्मरणीय यादगार छोड़ गई राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पार्वती आर्य
मन्दसौर। परम आदरणीय सुश्री पार्वती आर्य 17 नवंबर को अपनी नश्वर देह को त्याग कर पंचतत्व में विलीन जरूर हो गई है परंतु उनकी एक ऊर्जावान उत्साही दबंग निर्भीक युवक की तरह महिला जगत को सम्मानित करने वाली एक सफल महिला की छवि के रूप में स्मृति सदैव बनी रहेगी।
राजनीतिक क्षेत्र में जहां आपने एक कुशल राजनीतिज्ञ की तरह अपने को स्थापित कर कांग्रेस को अविभाजित मंदसौर जिले के समय सुवासरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रुप में जीत दिलाई थी वही आपकी सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में भी सम्मानित छवि थी। धर्म के प्रति आपकी पूर्ण निष्ठा श्रद्धा थी मालवा माटी के महान संत श्री कमलकिशोर जी नागर की आप परम भक्त थी और इसीलिए आपके अनुरोध पर प्रथम बार पूज्यश्री नागर जी द्वारा जग्गाखेड़ी मंदसौर में सप्त दिवसीय विशाल स्तर पर संगीतमय सप्त दिवसीय भागवत कथा का आयोजन हुआ था जिसमें नगर के अलावा बहुत दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओँने एकत्रित होकर कथा श्रवण का लाभ लिया था।
सुश्री आर्य का मंदसौर को गौरव दिलाने का अविस्मरणीय प्रसंग उस समय उपस्थित हुआ जिस समय उन्होंने एशिया की प्रथम महिला ट्रक ड्राइवर होने का विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा कर आप महामहिम तत्कालीन राष्ट्रपति श्री ज्ञानी जेलसिंह से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हुई।
सुश्री आर्य के स्वर्गवास होने पर पतंजलि योग एवं भारत स्वाभिमान संगठन जिला इकाई मंदसौर की ओर से पतंजलि योग गुरु बंशीलाल टांक ने आर्य की आत्मा को अपने चरणों में स्थान देने तथा शोकाकुल परिवार को आर्य के वियोग जनित दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना के साथ ही हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की है।
वे कहती थीं इंदिराजी देश चला सकती हैं तो मैं ट्रक क्यों नहीं चला सकती
पार्वतीजी की नश्वर देह पंचतत्व में विलीन
मंदसौर। एशिया की पहली महिला ट्रक चालक होने का गौरव प्राप्त कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाली वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री सुश्री पार्वती आर्य की देह पंच तत्व में विलीन हो गई।उनका मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई महेश एवं डॉ.श्याम आर्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य जन सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
शोक सभा में वक्ताओं ने सुश्री पार्वती आर्य के व्यक्तित्व को प्रेरणादायी बताया तथा कहा कि उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष से महिलाओं को नई प्रेरणा दी है। पार्वती जी ने जब पहली ट्रक चालक महिला की पहचान बनाई तब यह कहा था कि जब इंदिरा गांधी देश चला सकती हैं तो मैं भी एक महिला हूं में ट्रक क्यों नहीं चला सकती। इसी जज्बे ने उन्हें प्रेरित किया और उन्होंने यह कठिन चुनोती स्वीकार की। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पूरी शुचिता रखी और जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए भी अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन किया। शोक सभा में श्रद्धांजलि देने वालों में अ. भा.रैगर महासभा के पूर्व अध्यक्ष राजस्थान कैडर के पूर्व आईएएस बीएल नवल पूर्व सभापति व पार्षद श्रवण रजवानियां,राजू भाई अखेरिया, बाबूलाल चंगेरीवाल, किशन लाल आर्य, दिलीप, अशोक आर्य,कुन्दन सुवासिया शंभूसेन राठौर, ब्रजेश जोशी आदि प्रमुख थे। अंतिम यात्रा में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष व डेस केबल नेटवर्क के प्रबंधक मोहम्मद हनीफ शेख, संचालक नंदू भाई आडवाणी तथा शाहीद चौधरी, राजेश कुलश्रेष्ठ, श्रीकांत वाजपेई, चन्द्र शेखर बटवाल,आशीष व्यास,नरेन्द्र त्रिपाठी,महेश शर्मा,अनिल लालवानी,सुनील आर्य ,ब्रजेश आर्य,मुकेश आर्य आदि भी सम्मिलित हुए। सभी ने 2 मिनिट मोन श्रद्धांजलि भी दी। उनका उठवाना 19 नवम्बर शुक्रवार को प्रातः 11 बजे निज निवास कालका माता मन्दिर के सामने सम्राट मार्केट (खाल) में होगा
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